बदायूं. जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकियों से सीधी मुठभेड़ में शनिवार को बदायूं के मोहित राठौड़ (27) शहीद हो गए हैं. इस घटना में 4 जवान घायल भी हुए हैं. बताया जा रहा है कि रात 2 से 3 बजे के बीच आतंकियों के होने की सूचना पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया था. मोहित राठौड़ का पार्थिव शरीर रात में बरेली एयरफोर्स पर पहुंच जाएगा; जबकि इस्लामनगर थाना क्षेत्र के गांव सवानगर में सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. जानकारी के अनुसार उनका पार्थिव शरीर रविवार को सुबह तक उनके गांव पहुंचेगा; उसके बाद पूरे सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी.
परिजनों ने बताया कि शहीद मोहित राठौड़ घर का इकलौता चिराग था. लगभग डेढ़ वर्ष पहले मोहित की शादी हुई थी. इकलौता चिराग बुझने की सूचना मिलने के बाद शहीद के परिवार में कोहराम मचा हुआ है. इस्लामनगर थाना क्षेत्र के गांव सवानगर में अभी से लोगों का जुटना शुरू हो गया है. ग्रामीण ने बताया कि नत्थू सिंह के इकलौते बेटे मोहित की अंतिम झलक देखने के लिए लोग आ रहे हैं. आपको बताते हैं कि मोहित अपने परिवार में तीन बहनों के बीच में इकलौता भाई था. इसमें बड़ी बहन रुचि की शादी हो चुकी है और उससे छोटी नीतू की भी शादी हो चुकी है. सबसे छोटी बहन पूजा की शादी के लिए रिश्ते की बात चल रही थी.
20 दिन पहले ही जैसलमेर से कश्मीर भेजे गए थे
मोहित की तैनाती वर्तमान में जैसलमेर राजस्थान में थी और 20 दिन पहले सर्च ऑपरेशन के लिए जम्मू कश्मीर भेज दिया गया था. परिजनों ने बताया कि मोहित 15 फरवरी को अपने गांव पहुंचे थे. हालांकि अभी 5 महीने से अपने घर नहीं आए थे. ऐसा बताया जा रहा है कि मोहित नवंबर में छुट्टी लेकर आने वाले थे. मोहित की नौकरी 2017 में लगी थी और करीब 27 साल की उम्र में वीरगति को प्राप्त हो गए.